30 Powerful bible verses for christmas in hindi (Full Commentary)

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आज हम हिंदी में क्रिस्मस के लिए बाइबिल के पदों पर बात करेंगे। बहुत से ईसाई नहीं जानते कि इसका क्या मतलब है। हम परमेश्वर के शब्दों का ध्यान से स्मरण करते हुए इस पवित्र समय में आत्मनिवेदन में रहें। यह क्रिस्मस का समय है, जहाँ हम उस उपहार का उत्सव मनाते हैं जो हमें ईश्वर द्वारा दिया गया था – हमारे उद्धारकर्ता, यीशु मसीह। चलिए हम एक साथ मिलकर इन पवित्र पदों का अध्ययन करें और अपने दिलों में उनके अर्थ को आत्मसात करें।

Bible Verses for Christmas

यीशु का जन्म

जब हम क्रिस्मस के बारे में सोचते हैं, तो पहले हमारे मन में यीशु का जन्म आता है। यह उन अद्भुत क्षणों का ख्याल दिलाता है जब हमारे लिए उद्धारकर्ता इस संसार में आए। ईश्वर ने हमें एक अनमोल उपहार दिया – यह उन सभी का समझाना है कि हमें अपने दिलों में प्रेम और उदारता भर लेनी चाहिए। हम यीशु के जन्म के इस सुंदर संदेश को अपने जीवन में लागू कर सकते हैं।

लुका 2:10-11

“लेकिन इंगेल ने उन लोगों से कहा, ‘डरो मत, क्योंकि मैं तुम से बड़ी खुशखबरी सुनाता हूँ जो समस्त लोगों के लिए खुशी का कारण बनेगी। आज तुम के लिए दाऊद के नगर में एक उद्धारकर्ता जन्मा है, जो मसीह, प्रभु है।’

मत्ती 1:21

“वह एक पुत्र को जन्म देगी, और तुम उसका नाम यीशु रखना, क्योंकि वह अपने लोगों को उनके पापों से बचाएगा।”

यशायाह 9:6

“क्योंकि हमारे लिए एक पुत्र जन्मा है, एक दिया गया है; और उसके कंधों पर राज्य है; और उसका नाम अद्भुत, परामर्शदाता, शक्तिशाली ईश्वर, सदा के लिए पिता, शांति का प्रदाता होगा।”

मत्ती 2:10-11

“जब वे तारे को देखे, तो बहुत ही प्रसन्न हुए। और वे उस घर में आए, और उस बच्चे को और उसकी माता को देखा, और वे उसके सम्मुख गिरकर उसकी पूजा की।”

लूका 1:30-31

“और स्वर्गदूत ने उसे कहा, ‘हे मरियम, तूने अनुग्रह पाया है। तू गर्भवती होकर एक पुत्र को जन्म देगी, और उसका नाम यीशु रखना।’

परिवार और मित्रता

क्रिस्मस का यह समय हमें अपने परिवार और प्रियजनों के साथ बिताने का अवसर देता है। यह एक यादगार क्षण होता है जब हम एकत्रित होते हैं और प्रेम, मित्रता, और संबंधों को मजबूत करते हैं। बाइबल हमें सिखाती है कि, जैसे यीशु ने अपने अनुयायियों के साथ मेलजोल किया, हमें भी अपने प्रियजनों के साथ मिलकर समय बिताना चाहिए।

1 थिस्सलुनीकियों 5:11

“इसलिए एक-दूसरे को सांत्वना दो और एक-दूसरे का निर्माण करो, जैसा तुम कर रहे हो।”

कुलुस्सियों 3:14

“और सब चीजों के ऊपर प्रेम धारण करो, जो संपूर्णता का बंधन है।”

अEquवृद्ध 16:24

“प्रेम ही परमेश्वर है। जिसने प्रेम किया, उसने परमेश्वर को जाना।”

इफिसियों 4:3

“शांति के vínculo से एकता के एकता को बनाए रखो।”

गलातियों 5:22

“लेकिन आत्मा का फल प्रेम, आनंद, शांति, धैर्य, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता और आत्म-नियंत्रक है।”

उपहार और दान

क्रिस्मस का एक महत्वपूर्ण पहलू उपहारों का आदान-प्रदान है। यह हमें याद दिलाता है कि जैसे भगवान ने हमें सबसे बड़ा उपहार, यीशु, दिया, हमें भी चाहिए कि हम दूसरों के प्रति उदार बनें। उपहार केवल भौतिक वस्तुएँ नहीं बल्कि प्रेम, ध्यान, और स्नेह भी होते हैं। हम किसी को खुश करने के लिए जिन्हें हम प्यार करते हैं, उन्हें छोटी-छोटी चीज़ें देकर भी उपहार दे सकते हैं।

लूका 6:38

“दो, और तुम्हें दिया जाएगा; अच्छी माप, दबाई और हिलाई हुई, और ओवरफ्लो होकर तुम्हारी गोद में डाल दी जाएगी।”

मत्ती 5:42

“जो तुझ से मांगे, उसे दे, और जो तुझ से उधार लेना चाहता है, उससे मुँह न मोड़।”

इब्रानियों 13:16

“परंतु भलाई और साझेदारी को भूलना न दें, क्योंकि ऐसे बलिदान परमेश्वर को प्रसन्न करते हैं।”

मतिय 7:11

“यदि तुम, जो बुरे हो, अपने बच्चों को अच्छी चीजें देना जानते हो, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता तुम्हें जो मांगेगा, उसे कितनी अच्छी चीजें देगा।”

2 कुरिन्थियों 9:7

“हर एक को, जैसा उसने अपने दिल में निश्चय किया है, वैसे ही देने दें; न कि दुखी होकर या दबाव में; क्योंकि परमेश्वर चित्त से देने वाले को पसंद करता है।”

शांति का संदेश

क्रिस्मस का यह सुंदर समय हमें शांति का संदेश देता है। यीशु के जन्म ने दुनिया को एक नई आशा और शांति का संदेश दिया। जब हम दूसरों के प्रति प्रेम दर्शाते हैं और आपसी समझ बढ़ाते हैं, तब हम सभी के लिए शांति का अहसास करते हैं। बाइबल का यह संदेश हमें इस बात की याद दिलाता है कि हर छोटे से कार्य में भी शांति का संचार किया जा सकता है।

लूका 2:14

“स्वर्ग में परमेश्वर की महिमा हो, और पृथ्वी पर मनुष्यों में उसकी प्रसन्नता हो।”

रोमियों 5:1

“इसलिए हम विश्वास द्वारा न्याय किए गए हैं, और हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ शांति रखते हैं।”

यशायाह 26:3

“जिसके मन में तू स्थिर रखता है, उसे तू शांति देगा; क्योंकि वह तुझ पर भरोसा करता है।”

फिलिप्पियों 4:7

“और ईश्वर की शांति, जो सब समझ से परे है, तुम्हारे हृदयों को और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में संरक्षित रखेगी।”

कुलुस्सियों 3:15

“और तुम्हारे दिलों में मसीह का शांति का राज हो; जिसे तुम एक शरीर में बुलाए गए हो, और धन्यवाद करते रहो।”

आशा और विश्वास

क्रिस्मस का यह पर्व हमें आशा और विश्वास का संदेश देता है। जब हम एक नये जीवन का स्वागत करते हैं, तो हम अपने भीतर की आशाएं और विश्वास भी बढ़ाते हैं। हमें याद रखना चाहिए कि जैसे यीशु हमारे लिए आया, हमें भी चाहिए कि हम जीवन में सकारात्मकता और आशा लाएं। बाइबल हमें सिखाती है कि हमारा विश्वास मजबूत होना चाहिए।

रोमियों 15:13

“आशा का परमेश्वर तुम्हें вся प्रकार से खुशी और शांति दे, ताकि तुम विश्वास में समृद्ध हो।”

इब्रानियों 11:1

“विश्वास आशा की बातों का प्रत्याशा है।”

यशायाह 40:31

“परंतु जो यहोवा की प्रतीक्षा करते हैं, वे नई शक्ति पाएंगे।”

यरमियाह 29:11

“क्योंकि मैं तुम्हारे विषय में जो योजनाएं रखता हूँ, उन्हें जानता हूँ, यहोवा की वाणी है; शांति की योजनाएं और बुराई की योजनाएं नहीं हैं।”

मार्कुस 11:24

“इसलिए मैं तुमसे कहता हूँ, जो कुछ तुम प्रार्थना करके मांगोगे, विश्वास करो कि तुम उसे पाओगे, और तुम्हारे लिए वह होगा।”

प्रेम और दया

क्रिस्मस हमें प्रेम और दया का महत्व समझाता है। यह इस पवित्र समय का मुख्य संदेश है जब हम दूसरों के प्रति दयालु और प्रेममयी बनें। जैसे यीशु ने हमें प्रेम किया, वैसे ही हमें भी एक-दूसरे से प्यार करना चाहिए। सेवा करना और एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति रखना, क्रис्मस का सही उत्सव है।

1 योहन 4:19

“हम प्रेम करते हैं, क्योंकि उसने पहले हमसे प्रेम किया।”

यूहन्ना 15:12

“यह मेरी आज्ञा है, कि तुम एक-दूसरे से प्रेम करो, जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया।”

मत्ती 22:39

“और दूसरे के समान है, ‘अपने पड़ोसी से प्रेम करो जैसे अपने आप से।’

गलातियों 6:2

“एक-दूसरे के भार उठाओ, और इस तरह तुम मसीह के कानून को पूरा करोगे।”

प्रेरितों के काम 20:35

“क्योंकि मैंने तुम्हें यह बताने में कमी नहीं की कि हमें देने में अधिक आशीष होती है।”

आशिर्वाद की भावना

क्रिस्मस का यह परम समय हमें आशिर्वाद की भावना को समझाने का अवसर देता है। हमें याद रखना चाहिए कि हमारे जीवन में हम ईश्वर के द्वारा कितने आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। अपनी खुशियों और आशीर्वादों को साझा करना ही सच्चा क्रिस्मस उत्सव है। हमें अपने पास जो कुछ भी हो, उसका धन्यवाद करना चाहिए।

जेम्स 1:17

“हर अच्छी वस्तु और हर उत्तम उपहार ऊपर से है।”

इफिसियों 1:3

“हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता, परमेश्वर, जो हमें हर आध्यात्मिक आशीर्वाद से आशीर्वादित करता है।”

लूका 6:38

“तुम्हें अच्छी माप, दबाई और ओवरफ्लो होकर तुम पर डाला जाएगा।”

रोमियों 8:32

“जिसने अपने पुत्र को भी नहीं छोड़ा, परंतु सभी के लिए उसे दिया, वह अन्य चीजों को हमें कैसे न देगा।”

फिलिप्पियों 4:19

“और मेरा परमेश्वर तुम्हारी सारी आवश्यकताओं को अपनी धन्य सिद्धि से, मसीह यीशु में पूरा करेगा।”

उदारता और समर्थन

क्रिस्मस का यह समय उदारता और समर्थन की भावना को प्रकट करने का है। दूसरों के प्रति हमारी उदारता हमें सिखाती है कि हम सामाजिक जिम्मेदारियों को कैसे निभा सकते हैं। हम किसी जरूरतमंद की मदद करके, हमारे समाज में एक सकारात्मक अंतर ला सकते हैं। चलिए हम अपने आचार-विचारों में इस उदारता का अभ्यास करें।

2 कुरिन्थियों 9:6

“जिस प्रकार जो बुनाई करता है, वह बहुत बुनाई करेगा।”

मत्ती 25:35-36

“क्योंकि मैं भूखा था, और तुमने मुझे खाने को दिया; मैं प्यासा था, और तुमने मुझे पानी दिया।”

गलातियों 2:10

“सिर्फ यह कि हम गरीबों का ध्यान रखना न भूलें, यही बात मुझे हमेशा याद रहती है।”

इफिसियों 4:28

“जो चोर था, वह अब और न चुराए, बल्कि श्रम करके अपने हाथों से जो अच्छा है, वह करे।”

मत्ती 6:19-21

“अपने लिए पृथ्वी पर धन संचित न करो, जहाँ कीट और जंग उसे खराब करते हैं।”

Final Thoughts

इस क्रिस्मस, हम ने मुलाकात की है यीशु के जन्म की पवित्रता और उसके संदेशों से। हमने देखा कि यह केवल एक खुशी का अवसर नहीं, बल्कि प्रेम, साहस, और उदारता का समय भी है। हर Bible Verse for Christmas ने हमें सिखाया कि हमें एक दूसरे के प्रति कितनी दया और सहानुभूति रखनी चाहिए।

हम सभी के दिलों में आशा और शांति का संचार हो। यह पवित्र समय हमें याद दिलाता है कि हम जितना प्रेम और दया दूसरों के प्रति दिखाते हैं, उतना ही हम अपने जीवन में खुशी और संतोष प्राप्त करते हैं। हम इस क्रिस्मस को एक नए आरंभ के रूप में देखें, जहाँ हम अपने अंदर के प्रेम और दया को और बढ़ा सकें।

आइए, एक-दूसरे के साथ मिलकर इस बाइबिल के पदों का अनुसरण करें और हर दिन को भव्य बनाएं। हम सभी का जीवन इसी प्रेम और समर्थन में रंग जाए।

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